सुरमई शाम इस तरह आये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम...
कोई आहट नहीं बदन की कहीं
फिर भी लगता हैं तू यहीं है कहीं
वक़्त जाता सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है
जैसे खुशबू नज़र से छू जाये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम ...
दिन का जो भी पहर गुज़रता है
कोई अहसान सा उतरता है
वक़्त के पाँव देखता हूँ मैं
रोज़ ये छाँव देखता हूँ मैं
आये जैसे कोई खयाल आये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम ...
गीतकार : गुलजार
संगीतकार : हृदयनाथ मंगेशकर
गायक : सुरेश वाडकर
चित्रपट : लेकिन (१९९१)
https://www.youtube.com/watch?v=ADHapMuxZik
Friday, May 6, 2016
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