जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है
जब भी ये...
होंठ चुप चाप बोलते हो जब
साँस कुछ तेज़ तेज़ चलती हो
आँखें जब दे रही हों आवाज़ें
ठंडी आहों में साँस जलती हो
जब भी ये...
आँखों में तैरती है तस्वीरें
तेरा चेहरा तेरा खयाल लिये
आइना देखता है जब मुझको
एक मासूम सा सवाल लिये
जब भी ये...
कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब करार मिल जये
दिल बड़ा बेकरार रहता है
जब भी ये...
गीतकार : गुलजार
संगीतकार : शंकर - जयकिशन
गायक : मोहम्मद रफ़ी-शारदा
चित्रपट : सिमा (१९७१)
Thursday, May 19, 2016
Sunday, May 8, 2016
सजाना साथ निभाना
सजाना साथ निभाना...
साथी मेरी बहारो के राह मे छोड़ ना जाना....
सजाना साथ निभाना
आके चला जाए ज़माना जो बहार का,
फूल मुरझाये ना तेरे मेरे प्यार का..
आज के वाडे सजाना
आज की बाते सजाना
भूल ना जाना..
सजाना साथ निभाना..
साथी मेरी बहारो के राह मे छोड़ ना जाना
सजाना साथ निभाना
वैसे तोह हज़ारो नज़रे मेरी राह मे,
एक बस तू ही समाया है निगाहो मे..
प्यार की रस्मे सजाना
प्यार की कसमे सजाना
भूल ना जाना..
सजाना साथ निभाना..
साथी मेरी बहारो के राह मे छोड़ ना जाना
किसने साथ निभाया..
दिल को एक खिलौना समझा
खेला और ठुकराया
किसने साथ निभाया
कहा के यह वादे यह कसमे कहा की
कहा है वोह दुनिया यह बाते है जहा की
कहा के यह वादे यह कसमे कहा की
कहा है वोह दुनिया यह बाते है जहा की
झूठी नगरी झूठे जोगी
प्रीएत भी सछि कैसे होगी
अच्छा ढोंग रचाया..
किसने साथ निभाया..
दिल को एक खिलौना समझा
खेला और ठुकराया
किसने साथ निभाया
गीत : राजेंद्र क्रिश्न
संगीत : रवी
गायक : आशा भोंसले, महम्मद रफी
चित्रपट : डोली (१९६९)
साथी मेरी बहारो के राह मे छोड़ ना जाना....
सजाना साथ निभाना
आके चला जाए ज़माना जो बहार का,
फूल मुरझाये ना तेरे मेरे प्यार का..
आज के वाडे सजाना
आज की बाते सजाना
भूल ना जाना..
सजाना साथ निभाना..
साथी मेरी बहारो के राह मे छोड़ ना जाना
सजाना साथ निभाना
वैसे तोह हज़ारो नज़रे मेरी राह मे,
एक बस तू ही समाया है निगाहो मे..
प्यार की रस्मे सजाना
प्यार की कसमे सजाना
भूल ना जाना..
सजाना साथ निभाना..
साथी मेरी बहारो के राह मे छोड़ ना जाना
किसने साथ निभाया..
दिल को एक खिलौना समझा
खेला और ठुकराया
किसने साथ निभाया
कहा के यह वादे यह कसमे कहा की
कहा है वोह दुनिया यह बाते है जहा की
कहा के यह वादे यह कसमे कहा की
कहा है वोह दुनिया यह बाते है जहा की
झूठी नगरी झूठे जोगी
प्रीएत भी सछि कैसे होगी
अच्छा ढोंग रचाया..
किसने साथ निभाया..
दिल को एक खिलौना समझा
खेला और ठुकराया
किसने साथ निभाया
गीत : राजेंद्र क्रिश्न
संगीत : रवी
गायक : आशा भोंसले, महम्मद रफी
चित्रपट : डोली (१९६९)
Friday, May 6, 2016
सुरमई शाम इस तरह आये
सुरमई शाम इस तरह आये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम...
कोई आहट नहीं बदन की कहीं
फिर भी लगता हैं तू यहीं है कहीं
वक़्त जाता सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है
जैसे खुशबू नज़र से छू जाये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम ...
दिन का जो भी पहर गुज़रता है
कोई अहसान सा उतरता है
वक़्त के पाँव देखता हूँ मैं
रोज़ ये छाँव देखता हूँ मैं
आये जैसे कोई खयाल आये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम ...
गीतकार : गुलजार
संगीतकार : हृदयनाथ मंगेशकर
गायक : सुरेश वाडकर
चित्रपट : लेकिन (१९९१)
https://www.youtube.com/watch?v=ADHapMuxZik
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम...
कोई आहट नहीं बदन की कहीं
फिर भी लगता हैं तू यहीं है कहीं
वक़्त जाता सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है
जैसे खुशबू नज़र से छू जाये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम ...
दिन का जो भी पहर गुज़रता है
कोई अहसान सा उतरता है
वक़्त के पाँव देखता हूँ मैं
रोज़ ये छाँव देखता हूँ मैं
आये जैसे कोई खयाल आये
साँस लेते हैं जिस तरह साये
सुरमाई शाम ...
गीतकार : गुलजार
संगीतकार : हृदयनाथ मंगेशकर
गायक : सुरेश वाडकर
चित्रपट : लेकिन (१९९१)
https://www.youtube.com/watch?v=ADHapMuxZik
Wednesday, May 4, 2016
ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल...
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल...
छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम
हम जहाँ पैदा हुए
उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल...
गीत : प्रेम धवन
संगीत : सलिल चौधरी
स्वर : मन्ना डे
चित्रपट : काबुलीवाला (1961)
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल...
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल...
छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम
हम जहाँ पैदा हुए
उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल...
गीत : प्रेम धवन
संगीत : सलिल चौधरी
स्वर : मन्ना डे
चित्रपट : काबुलीवाला (1961)
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