ये दिन क्या आये लगे फ़ूल हसने
देखो बसंती बसंती होने लगे मेरे सपने
सोने जैसी हो रही हैं हर सुबह मेरी
लगे हर सांज़ अब गुलाल से भरी
चलने लगी महकी हुयी पवन मगन ज़ूम के
आंचल तेरा चूम के
वहां मन बावरा आज उड चला
जहां पर हैं गगन सलोना सावला
जा के वही रख दे कही मन रंगों में खोल के
सपने ये अनमोल से
बोल : योगेश
गायक : मुकेश
संगीत : सलील चौधरी
फ़िल्म : छोटी सी बात
Tuesday, March 24, 2009
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