ये दिन क्या आये लगे फ़ूल हसने
देखो बसंती बसंती होने लगे मेरे सपने
सोने जैसी हो रही हैं हर सुबह मेरी
लगे हर सांज़ अब गुलाल से भरी
चलने लगी महकी हुयी पवन मगन ज़ूम के
आंचल तेरा चूम के
वहां मन बावरा आज उड चला
जहां पर हैं गगन सलोना सावला
जा के वही रख दे कही मन रंगों में खोल के
सपने ये अनमोल से
बोल : योगेश
गायक : मुकेश
संगीत : सलील चौधरी
फ़िल्म : छोटी सी बात
Tuesday, March 24, 2009
Tuesday, January 6, 2009
हसने की चाह ने
हसने की चाह ने इतना मुझे रुलाया हैं
कोई हमदर्द नहीं, दर्द मेरा साया हैं
दिल तो उलझा ही रहा, जिन्दगी की बातों में
सांसे चलती रही कभी कभी रातों में
इसी ही आह पर तारों को प्यार आया हैं
अपने चलते ही रहे रोज नयी राहों पे
कोई फ़िसला है, अभी अभी बाहों से
किसकी ये आहट हैं, ये कौन मुस्कुराया हैं
फ़िल्म : आविष्कार (१९७३)
गायक : मन्ना डे
संगीत : कनु रॉय
कोई हमदर्द नहीं, दर्द मेरा साया हैं
दिल तो उलझा ही रहा, जिन्दगी की बातों में
सांसे चलती रही कभी कभी रातों में
इसी ही आह पर तारों को प्यार आया हैं
अपने चलते ही रहे रोज नयी राहों पे
कोई फ़िसला है, अभी अभी बाहों से
किसकी ये आहट हैं, ये कौन मुस्कुराया हैं
फ़िल्म : आविष्कार (१९७३)
गायक : मन्ना डे
संगीत : कनु रॉय
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