Tuesday, August 1, 2023

जियो तो ऐसे जियो जैसे

जियो तो ऐसे जियो जैसे सब तुम्हारा है 
जियो तो ऐसे जियो जैसे सब तुम्हारा है 
 मरो तो ऐसे कि जैसे तुम्हारा कुछ भी नहीं 
 जियो तो ऐसे जियो जैसे सब तुम्हारा है

 जियो तो ऐसे जियो ये एक राज़ है 
की दुनिया न जिसको जान सकी 
 यही वो राज़ जो ज़िन्दगी से हासिल है
 तुम्ही कहो ये राज़ तुम्हे कैसे समझाऊं 
 के ज़िन्दगी की घुटन ज़िन्दगी की क़ातिल है
 हर एक निगाह को ये कुदरत का इशारा है
 जियो तो ऐसे जियो 

 जहां में आ के जहां से खिचे खिचे न रहो
 वो ज़िन्दगी ही नहीं जिस में प्यास बुझ जाए
 कोई भी प्यास दबाए से दब नही सकती
 इसी से चैन मिलेगा की प्यास बुझ जाए 
 ये कहके मुड़ता हुआ ज़िन्दगी का धरा है
 जियो तो ऐसे जियो 

 ये आसमान ये ज़मीन ये फ़िज़ा ये नज़ारे 
 तरस रहे है तुम्हारी एक नज़र के लिए 
 नज़र चुरा के हर एक शै को यूँ न ठुकराओ 
 कोई शरीक ए सफ़र ढूंढ लो सफर के लिए
 बहुत करीब से मैंने तुम्हे पुकारा है 
 जियो तो ऐसे जियो जैसे सब तुम्हारा है 
 जियो तो ऐसे जियो 

 शायर : साहिर लुधियानवी 
 संगीत : रवी 
 गायक : महंमद रफी 
 फिल्म : बहु बेटी (१९६५) 

 To listen to this song, please click on https://www.youtube.com/watch?v=-Uz4zI1aonA