सिमटी हुई ये घडियां
फिर से ना बिखर जाये
इस रात मे जी ले हम
इस रात मे मर जाए
अब सुबह ना आ पाये
आओ ये दुआ मांगे
इस रात के हर पल से
रातें ही उभर जाए
दुनिया की निगाहें अब
हम तक ना पहूंच पाये
तारों मे बसे चलकर
धरती मे उतर जाए
हालात के तिरों से
छलनी है बदन अपने
पास आओ के सिनों के
कुछ जख़म तो भर आये
आगे भी अंधेरा है
पीछे भी अंधेरा है
अपनी हैं वही सांसे
जो साथ गुजर जाये
बिछड़ी हुई रूहोंका
ये मेल सुहाना है
इस मेल का कुछ ऐहसान
जिस्मों पे भी भर जाए
तरसे हुए जज्बों को
अब और न तरसाओ
तुम शाने पे सर रख दो
हम बाँहों में भर जाए
शायर : साहिर लुधयानवी
आवाज : रफी - लता
संगीत : खय्याम
फिल्म : चंबल की कसम (१९८०)
Wednesday, August 31, 2016
दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई
दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई
तुने काहे को दुनिया बनायीं
काहे बनाये तूने माटी के पुतले
धरती ये प्यारी प्यारी मुखड़े ये उजले
काहे बनाया तूने दुनिया का खेला
जिसमें लगाया जवानी का मेला
गुप-चुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई
काहे को दुनिया...
तू भी तो तङपा होगा मन को बना कर
तूफां ये प्यार का मन में छुपा कर
कोई छवि तो होगी आँखों में तेरी
आंसूं भी छलके होंगे पलकों से तेरी
बोल क्या सूझी तुझको काहे को प्रीत जगाई
काहे को दुनिया...
प्रीत बनाके तूने जीना सिखाया
हँसना सिखाया, रोना सिखाया
जीवन के पथ पर मीत मिलाये
मीत मिला के तूने सपने जगाए
सपने जगा के तूने काहे को दे दी जुदाई
काहे को दुनिया...
गीतकार : शैलेंद्र
आवाज: मुकेश
संगीत : शंकर जयकिशन
फिल्म : तीसरी कसम
तुने काहे को दुनिया बनायीं
काहे बनाये तूने माटी के पुतले
धरती ये प्यारी प्यारी मुखड़े ये उजले
काहे बनाया तूने दुनिया का खेला
जिसमें लगाया जवानी का मेला
गुप-चुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई
काहे को दुनिया...
तू भी तो तङपा होगा मन को बना कर
तूफां ये प्यार का मन में छुपा कर
कोई छवि तो होगी आँखों में तेरी
आंसूं भी छलके होंगे पलकों से तेरी
बोल क्या सूझी तुझको काहे को प्रीत जगाई
काहे को दुनिया...
प्रीत बनाके तूने जीना सिखाया
हँसना सिखाया, रोना सिखाया
जीवन के पथ पर मीत मिलाये
मीत मिला के तूने सपने जगाए
सपने जगा के तूने काहे को दे दी जुदाई
काहे को दुनिया...
गीतकार : शैलेंद्र
आवाज: मुकेश
संगीत : शंकर जयकिशन
फिल्म : तीसरी कसम
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