Thursday, December 12, 2013

जब भी ये दिल उदास होता है

जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आसपास होता है

होंठ चुपचाप बोलते हो जब
सांस कुछ तेज तेज चलती हो
आँखे जब दे रही हो आवाजे
ठंडी आहो में सांस जलती हो

आँख में तैरती हैं तसवीरे
तेरा चेहरा, तेरा ख़याल लिए
आईना देखता हैं जब मुझको
एक मासूम सा सवाल लिए

कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब करार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है

गीतकार : गुलजार
गायक : मोहम्मद रफी - शारदा
संगीतकार : शंकर जयकिशन
चित्रपट : सीमा - 1971

Wednesday, June 26, 2013

तुम्हारे बिन गुजारे है कई दिन

तुम्हारे बिन गुजारे है कई दिन
अब न गुजरेंगे
जो दिल में आ गई है आज
हम वो कर ही गुजरेंगे
खबर क्या थी के अपने भी
सितारे ऐसे बिगड़ेंगे
के जो पूजा के काबिल है
वही यूँ रंग बदलेंगे

तुम्हारी एक न मानेंगे
करेंगे आज मनमानी
बहुत तरसाया है तुमने
नहीं अब और तरसेंगे
सताया तो नहीं करते
कभी किस्मत के मारों को
कीसी की जान जाएगी
किसी के अरमान निकलेंगे

मनाया तुम को कितनी बार
लेकिन तुम नहीं माने
तो अब मजबूर होकर हम
शरारत पर भी उतरेंगे
हकीकत क्या है ये पहले बता देते तो अच्छा था
खुद अपने जाल से भी हम न जाने कैसे निकलेंगे

कई दिन बाद फिर
यह साज यह सिंगार पाया है
आप यूं इनकार कर देंगे
तुम्हे कैसे बताएं
क्या हमारे साथ गुजरी है
तुम्हारे ख्वाब टूटेंगे
अगर सच बात कह देंगे

गीत : विघ्वेश्वर शर्मा
संगीत : शंकर (जय किशन)
गायक : लता और रफ़ी
फिल्म : आत्माराम

Friday, June 7, 2013

तुम तो प्यार हो, सजना

तुम तो प्यार हो, सजना
मुझे तुम से प्यारा और ना कोई

तुम तो प्यार हो, सजनी
मुझे तुम से प्यारा और ना कोई

कितना हैं प्यार हम से इतना बता दो
अंबर पे तारें जितने, इतना समझ लो
सच ? मेरी कसम ?
तेरी कसम तेरी याद मुझे लूटे
कसमे तो खानेवाले होते हैं झूठे
चलो जाओ, हटो जाओ, दिल का दामन छोड़ो

आ के ना जाये कभी, ऐसी बहार हो
तुम भी हमारे लिए जीवन सिंगार हो
सच ? मेरी कसम ?
तेरी कसम तू हैं, आँख के तिल में
तुम भी छूपी हो मेरे शीशा-ए-दिल में
मेरे हमदम मेरी बात तो मानो

गीतकार : हसरत जयपुरी
गायक : लता - रफी
संगीतकार : रामलाल
चित्रपट : सेहरा - 1963

Thursday, June 6, 2013

कल रात ज़िन्दगी से

कल रात ज़िन्दगी से मुलाकात हो गयी
लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गयी
कल रात ज़िन्दगी से ....

एक हुस्न सामने था क़यामत के रूप में
एक ख्वाब जल्वागर था हकीकत के रूप में
चेहरा वही गुलाब की रंगत लिए हुए
नज़रें वहीँ पायं-ए -मुहब्बत लिए हुए
जुल्फे वाही की जैसे धुन्दालाका हो शाम का
कुछ देर को तसल्ली-ए -जज़्बात हो गयी
लब थरथरा रहे ....


देखा उसे तो दामन-ए -रुक्सार नम भी ठाट
वल्लाह उसके दिल को कुछ एहसास-ए -गम भी था
थे उसली हसरतों के खजाने लुटे हुए
लैब पर तड़प रहे थे फ़साने घुटे हुए
कांटे चुभे हुए थे सिसकती उमंग में
डूबी हुई थी फिर भी वफाओं के रंग में
दम भर को ख़त्म गर्दिश-ए -हालत हो गयी
लब थरथरा रहे ....

ए मेरी रूह-ए -इश्क मेरी जान-ए -शायरी
दिल मानता नहीं की तू मुझसे बिछड़ गयी
मायूसियां हैं फिर भी मेरे दिल को आस है
महासून हो रहा है के तू मेरे पास है
समझाऊँ किस तरह से दिल-ए -बेक़रार को
वापस कहाँ से लाऊं में गुज़री बहार को
मजबूर दिल के साथ बड़ी घात हो गई
लब थरथरा रहे ....

शायर : शकील बदायुनी
आवाज : महम्मद रफ़ी
तर्ज : नौशाद

मैं तेरी नज़र का सुरूर हूँ

मैं तेरी नज़र का सुरूर हूँ
तुझे याद हो के ना याद हो
तेरे पास रेहके भी दूर हूँ
तुझे याद हो के ना याद हो
मैं तेरी नज़र का सुरूर हूँ

मुझे आंख से तो गीरा दीया
कहो दील से भी क्या भुला दीया
तेरी आशीकी का गुरूर हूँ
तुझे याद हो के ना याद हो
मैं तेरी नज़र का सुरूर हूँ

तेरी ज़ुल्फ़ है मेरा हाथ है
के तू आज भी मेरे साथ है
तेरे दील में मैं भी ज़रूर हूँ
तुझे याद हो के ना याद हो
मैं तेरी नज़र का सुरूर हूँ

शायर : राजेंद्र कृष्ण
गायक : तलत महमूद
संगीत : मदन मोहन
चित्रपट :' जहाँआरा

तेरी आँख के आंसू पी जाऊं

तेरा गमक्वार लेकिन मै तुझ तक आ नहीं सकता
मै अपने नाम तेरी बेकसी लिखवा नहीं सकता

तेरी आँख के आंसू पी जाऊं ऐसी मेरी तकदीर कहाँ
तेरे गम में तुझको बहलाऊ ऐसी मेरी तकदीर कहाँ

अय काश जो मिल कर रोते, कुछ दर्द तो हलके होते
बेकार न जाते आंसू, कुछ दाग जिगर के धोते
फिर राज न होता इतना, है तन्हाई में जितना
अब जाने ये रास्ता गम का, है और भी लम्बा कितना
हालात की उलझन सुलझाऊं ऐसी मेरी तकदीर कहाँ
तेरी आँख के आंसू पी जाऊं

क्या तेरी ज़ुल्फ़ का लहरा, है अब तक वोही सुनहरा
क्या अब तक तेरे दर पे, देती है हवाएं पहरा
लेकिन है ये खाम-ओ-खयाली, तेरी ज़ुल्फ़ बनी है सवाली
मोहताज है एक कलि की, इक रोज़ थी फूलों वाली
वोह ज़ुल्फ़ परेशां महकाऊं ऐसी मेरी तकदीर कहाँ
तेरी आँख के आंसू पी जाऊं

शायर : राजेंद्र कृष्ण
गायक : तलत महमूद
संगीत : मदन मोहन
चित्रपट :' जहाँआरा

फिर वही शाम वही गम वही तन्हाई है

फिर वही शाम वही गम वही तन्हाई है
दिल को समझाने तेरी याद चली आई है

फिर तसव्वुर तेरे पहलु में बिठा जाएगा
फिर गया वक्त घडी भर तो पलट आएगा
दिल बहल जायेगा आखिर ये तो सौदाई है
फिर वही शाम ....

जाने अब तुझ से मुलाकात कभी हो के न हो
जो अधूरी रही वो बात कभी हो के न हो
मेरी मंजिल तेरी मंजिल से बिछड़ आई है
फिर वही शाम ....


फिर तेरे ज़ुल्फ़ के रुखसार की बाते होंगी
हिज्र की रात मगर प्यार की बाते होंगी
फिर मोहोब्बत में तड़पने की क़सम खाई है
फिर वही शाम ....

शायर : राजेंद्र कृष्ण
गायक : तलत महमूद
संगीत : मदन मोहन
चित्रपट :' जहाँआरा

Tuesday, June 4, 2013

अपनी ख़ुशी से अपना ही दिल तोड़ना पड़ा

अपनी ख़ुशी से अपना ही दिल तोड़ना पड़ा
दुनिया की महफिलों से भी मुंह मोड़ना पड़ा
अपनी ख़ुशी से....

घबराके दिल का दर्द जो अश्कों में ढल गया
पलकों में आते आते उसे रोकना पड़ा
दुनिया की महफिलों से भी मुंह मोड़ना पड़ा
अपनी ख़ुशी से.....

साया भी साथ छोड़ के जाने किधर गया
मुड मुड कितनी बार मुझे देखना पड़ा
दुनिया की महफिलों से भी मुंह मोड़ना पड़ा
अपनी ख़ुशी से....

हम कौन है कहाँ के है और किस जगह पे है
तनहाइयों में ये भी कभी सोचना पड़ा
दुनिया की महफिलों से भी मुंह मोड़ना पड़ा
अपनी ख़ुशी से.....

गीत : राजेंद्र कृष्ण
संगीत : घनश्याम
गायिका : लता मंगेशकर
चित्रपट : कुंवारा बदन (१९७३)

Friday, May 31, 2013

चाँद मेरा दिल चांदनी हो तुम

चाँद मेरा दिल चांदनी हो तुम 
चाँद से है दूर चांदनी कहाँ 
लौट के आना है यहीं तुम को 
जा रहे हो तुम जाओ मेरी जान 

वैसे तो हर कदम मिलेंगे लोग सनम 
मिलेगा सच्चा प्यार मुश्किल से 
हो… दिल की दोस्ती खेल नहीं कोई 
दिल से दिल है मिलता यार मुश्किल से 
यही तो है सनम प्यार का ठिकाना 
मैं हूँ      मैं हूँ      मै हूँ 

शायर : मजरूह सुलतानपुरी 
संगीत : राहुल देव बर्मन 
आवाज : महम्मद रफ़ी 

मेरी आँखों से कोई नींद लिए जाता है


मेरी आँखों से कोई नींद लिए जाता है 
दूर से प्यार का पैगाम  दिए जाता है 

रातभर जागेंगे हम तुमसे चुप चुपके सनम 
आँख झपके न कभी चाँद तारों की कसम 
दिल मेरा आज इकरार किये जाता है 
दूर से प्यार का पैगाम  दिए जाता है
मेरी आँखों से कोई नींद लिए जाता है 

बात जो उनसे चली वो इधर आके रुकी 
नाम जब उनका लिया एक खुशबू सी उडी 
एक तसव्वुर है जो मदहोश दिए जाता है 
दूर से प्यार का पैगाम  दिए जाता है
मेरी आँखों से कोई नींद लिए जाता है

शायर : राजेंद्र कृष्ण 
संगीत : मदन मोहन 
आवाज : लता मंगेशकर 
चित्रपट : पूजा के फुल (१९६४)

Thursday, May 30, 2013

आजा रे मेरे प्यार के राही

आजा रे मेरे प्यार के राही 
राह निहारूं बड़ी   देर से 
आ जा रे .....

जो चाँद बुलाये, मैं तो नहीं बोलूं 
जो सूरज आये, आँख नहीं खोलूं 
मूँद के नैन मैं तिहारी 
राह निहारूं बड़ी देर से 

कहाँ है बसा दे तन की खुशबू से 
घटा से मैं खेलूं ज़ुल्फ़ तेरी छूके 
रूप का तेरे मैं पुजारी 
राह निहारूं बड़ी देर से 
कहीं भी रहूँगी मैं हूँ तेरी छाया 
तुझे मैंने पाके फिर भी नहीं पाया 
देख मैं तेरी प्रीत की मारी 
राह निहारूं बड़ी देर से 

शायर : मजरूह सुल्तानपुरी 
संगीत : चित्रगुप्त 
गायक : महेंद्र कपूर / लता मंगेशकर 
चित्रपट : ऊँचे लोग (1965)

Wednesday, May 29, 2013

कोई सोने के दिल वाला

कोई सोने के दिल वाला 
कोई चांदी के दिल वाला 
शीशे का है मतवाले तेरा दिल 
महफ़िल ये तेरी नहीं 
दीवाने कहीं चल 

हैं तो सनम लेकिन पत्थर के सनम यहाँ 
प्यार वाली नरमी अदाओं में कहाँ 
होठों से देख इनके टकराए न तेरा प्याला 
कोई सोने के दिल वाला।।।।।

क्या जानिये कहाँ  से आती है कानों में सदा 
ए  दीवाने गम  तेरा सबसे जुदा 
इस महफिल से उठा दिल न बेहलायेगा ये मतवाला 
कोई सोने के दिल वाला।।।।।

शायर : मजरूह सुल्तानपुरी 
संगीत : सलिल चौधरी 
गायक : महम्मद रफ़ी 
चित्रपट : माया 

कुन फ़याकुन

या निज़ामुद्दीन औलिया,
या निज़ामुद्दीन सलक़ा
क़दम बढ़ा ले
हदों को मिटा ले
आजा ख़ालीपन में, पी का घर तेरा
तेरे बिन ख़ाली, आजा, ख़ालीपन में

Take a step fro
Erase your limits
Come into the void, the house of your lover
It is empty without you, come into the void
रंगरेज़ा...
O bestower of hue...
कुन फ़याकुन, कुन फ़याकुन
फ़याकुन, फ़याकुन

Be! And it is
And it is
And it is
जब कहीं पे कुछ नहीं भी नहीं था
वही था, वही था
वह जो मुझ में समाया
वह जो तुझ में समाया
मौला, वही वही माया

When no where was there anything at all
He was there
He was there
He who fills me
He who fills you
The Lord - he is that very treasure

कुन फ़याकुन, कुन फ़याकुन
सदक़ अल्लाह उल अली उल अज़ीम

Be! And it is
Be! And it is
Thus said verily Allah the Grand, the Great
रंगरेज़ा रंग मेरा तन, मेरा मन
ले ले रंगाई चाहे तन, चाहे मन

Dye my body, my mind, O he who dyed the cosmos
Take the colour from my body, my mind, if you so please
सजरा सवेरा मेरे तन बरसे
कजरा अंधेरा तेरी जलती लौ
क़तरा मिला जो तेरे पर से
ओ मौला

The bright morning rains on my body
The black darkness is your burning flame
Bring me to a drop from your door step
O Lord
कुन फ़याकुन
कुन फ़याकुन
सदक़ अल्लाह उल अली उल अज़ीम
सदक़ रसूलुहुन नबी उल करीम

Be! And it is
Be! And it is
Thus said verily Allah the Grand, the Great
Thus said verily His Messenger, Prophet of the Kind One
सल्ल अल्लाहु अलइहि व सल्लम....
May peace be upon him...
ओ मुझपे करम सरकार तेरा
अर्ज़ तुझे, कर दे मुझे, मुझसे ही रिहा
अब मुझको भी हो, दीदार मेरा

Your grace is upon me, O Master
I entreat you, release me from myself
Give me clear vision of myself
मन के मेरे ये भरम
कच्चे मेरे ये करम
लेके चाले है कहाँ
मैं तो जानूं ही न
These delusions of my heart
My shallow actions
Where are the taking me?
I've not a clue
तू है मुझमें समाया
कहाँ लेके मुझे आया
मैं हूँ तुझमें समाया
तेरे पीछे चला आया
तेरा ही मैं एक साया
तूने मुझको बनाया
मैं तो जग को न भाया
तुने गले से लगाया
अब तू ही है ख़ुदाया
सच तू ही है ख़ुदाया

You fill me
Where have you brought me?
I fill you
I follow at your heels
I am merely your shadow
Created from you
I was unable to please the universe
But you embraced me
Now, only you remain, my Lord
Only you are true, my Lord
गीत : इरशाद कामिल 
गायक : ए। आर। रहमान, मोहित चौहान, जावेद अली 
संगीत : ए। आर। रहमान




Tuesday, May 28, 2013

त्या फुलांच्या गंधकोषी

त्या फुलांच्या गंधकोषी, सांग तू आहेस का ?
त्या प्रकाशी तारकांच्या, ओतिसी तू तेज का ?
त्या नभांच्या नीलरंगी होऊनी आहेस का ?
गात वायूच्या स्वरांनी, सांग तू आहेस का ?

मानवाच्या अंतरीचा प्राण तू आहेस का ?
वादळाच्या सागराचे घोर ते तू रुप का ?
जीवनी या वर्षणारा तू कृपेचा मेघ का ?
आसमंती नाचणारी, तू विजेची रेघ का ?

जीवनी संजिवनी तू, माऊलीचे दूध का ?
कष्टणार्‍या बांधवांच्या रंगसी नेत्रात का ?
मूर्त तू मानव्य का रे, बालकांचे हास्य का ?
या इथे अन त्या तिथे रे, सांग तू आहेस का ?
गीतकार : सूर्यकांत खांडेकर, 
गायक /संगीतकार : पं. हृदयनाथ मंगेशकर

अर्जियां

अर्जियां सारी  मैं चहरे  पे लिखके लाया हूँ 
तुमसे क्यां मांगू मैं तुम खुद ही समझ लो 
मौला मौला मौला मौला मेरे मौला 
मौला मौला मौला मौला मेरे मौला

दरारे दरारे है माथे पे मौला 
मरम्मत मुकद्दर की करदो मौला ...मेरे मौला 
तेरे दर पे झुका हूँ,  मिटा हूँ, बना हूँ,
मरम्मत मुकद्दर की करदो मौला

जो भी तेरे दर आया, झुकने को सर आया 
मस्तियाँ पिए सब को झूमता नज़र आया 
प्यास लेके आया था, दरिया वो भर लाया 
नूर की बारिश में भीगता सा तर आया 

मौला मौला मौला मौला मेरे मौला
दरारे दरारे है माथे पे मौला 
मरम्मत मुकद्दर की करदो मौला ...मेरे मौला 
तेरे दर पे झुका हूँ,  मिटा हूँ, बना हूँ,
मरम्मत मुकद्दर की करदो मौला

हो… एक खुशबू आती थी 
मैं भटकता जाता था 
रेशमी सी माया थी 
और मैं तक सा जाता था 
जब तेरी गली आया 
सच तभी नज़र आया 
मुझमे ही वो खुशबू थी 
जिससे तू ने मिलवाया 

मौला मौला मौला मौला मेरे मौला
दरारे दरारे है माथे पे मौला 

टूट के बिखरना मुझको ज़रूर आता है 
वर्ना इबादत वाला शहूर आता है 
सजदे में रहने दो, अब कहीं न जाऊँगा
अब जो तूने ठुकराया, तो संवर न पाऊंगा

मौला मौला मौला मेरे  मौला 
दरारे दरारे है माथे पे मौला 

सर उठा के मैंने तो कितनी ख्वाहिशे की थी 
कितने ख्वाब देखे थे ....कितनी कोशिशे की थी 
जब तू  रूबरू आया, नज़रें न मिला पाया 
सर झुक में एक पल में, मैंने क्या नहीं पाया 

मोरा पिया घर आया 
मौला मौला मौला मेरे  मौला 

geet  :  prasoon joshi
gaayak : javed ali, kailash kher
sangeet : A. R. Rehman 

Monday, May 27, 2013

तुम जो मिल गए हो

तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है
के जहां मिल गया
एक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गया

बैठो न दूर हमसे, देखो खफ़ा न हो
क़िस्मत से मिल गए हो, मिलके जुदा न हो
मेरी क्या ख़ता है, होता है ये भी
की ज़मीं से भी कभी आसमां मिल गया
तुम जो मिल गए हो...

तुम क्या जानो तुम क्या हो, एक सुरीला नगमा हो
भीगी रातों में मस्ती, तपते दिल में साया हो
अब जो आ गए हो जाने न दूंगा
की मुझे इक हसीं मेहरबाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो...

तुम भी थे खोए-खोए, मैं भी बुझा-बुझा
था अजनबी ज़माना, अपना कोई न था
दिल को जो मिल गया है तेरा सहारा
इक नई ज़िंदगी का निशां मिल गया
तुम जो मिल गए हो...

कैफ़ी आज़मी / मो.रफ़ी, लता मंगेशकर / मदन मोहन

रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ

रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसीं रात किसे पेश करूँ

मैने जज़बात निभाए हैं उसूलों की जगह
अपने अरमान पिरो लाया हूँ फूलों की जगह
तेरे सेहरे की, ये सौगात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

ये मेरे शेर, मेरे आखिरी नज़राने हैं
मैं उन अपनों में हूँ जो आज से बेगाने हैं
बे-त-आलुक्ख सी, मुलाकात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

सुर्ख जोड़े की तबोताब मुबारक हो तुझे
तेरी आँखों का नया ख़्वाब मुबारक हो तुझे
मैं ये ख़्वाहिश, ये ख़यालात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

कौन कहता है के चाहत पे सभी का हक़ है
तू जिसे चाहे, तेरा प्यार उसी का हक़ है
मुझसे कह दे, मैं तेरा हाथ किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

साहिर लुधियानवी/ मो.रफ़ी / मदन मोहन

Sunday, May 26, 2013

मेरी आवाज़ सुनो

मेरी आवाज़ सुनो प्यार का राज़ सुनो 
मैंने एक फूल जो सीने पे सजा रक्खा था 
उसके परदे में तुम्हे दिल से लगा रक्खा था 
था जुदा सबसे मेरे इश्क का अंदाज़ सुनो 
मेरी आवाज़ सुनो…. 

ज़िन्दगी भर मुझे नफ़रत सी रही अश्कों से 
मेरे ख्वाबों को तुम अश्कों में डुबोते क्यों हो 
जो मेरी तरह जिया करते हैं कब मरते हैं 
थक गया हूँ मुझे  सो लेने  दो क्यों रोते हो  
सो के भी जागते ही रहते हैं जांबाज़ सुनो 

मेरी आवाज़ सुनो….


मेरी दुनिया में न पूरब हैं न  पश्चिम कोई 
सारे इंसान सिमट आये खुली बाहों में 
कल भटकता था मैं जिन राहों में तनहा तनहा 
काफिले कितने मिले आज उन्हीं राहों में 
और सब निकले मेरे हमदर्द मेरे हमराज़ सुनो 
मेरी आवाज़ सुनो….

नौनिहाल आते हैं अर्थी को किनारे कर  लो 
मैं जहाँ था इन्हें जाना है वहां से आगे 
आसमान इनका ज़मीन इनकी ज़माना इनका 
हैं कई इनके जहाँ मेरे जहाँ से आगे 
इन्हें कलियाँ न कहो ये चूम-न-साज़ सुनो 
मेरी आवाज़ सुनो…. 

क्यों संवरी है ये चन्दन की चीता मेरे  लिए 
मैं कोइन जिस्म नहीं हूँ जलाओगे मुझे 
राख के साथ बिखर जाऊँगा मैं दुनिया में 
तुम जहाँ खाओगे ठोकर वहीं पाओगे मुझे 
हर कदम पर है नई मोड़ का आगाज़ सुनो 

मेरी आवाज़ सुनो प्यार का राज़ सुनो 
मैंने एक फूल जो सीने पे सजा रक्खा था 
उसके परदे में तुम्हे दिल से लगा रक्खा था 
था जुदा सबसे मेरे इश्क का अंदाज़ सुनो 
मेरी आवाज़ सुनो…. 

शब्द : कैफ़ी आज़मी 
गायक : मोहम्मद रफ़ी 
संगीत : मदन मोहन 
चित्रपट : नौनिहाल 

मधुबन खुशबू देता है.


मधुबन  खुशबू देता है, सागर सावन देता है 
जीना उसका जीना है, जो औरों को जीवन देता है 

सूरज ना बन पाए तो, बन के दीपक जलता चल 
फूल मिले या अंगारे, सच की राहों पे चलता चल 
प्यार दिलों को देता है, अश्को को दामन देता है 
मधुबन  खुशबू देता है ......

चलती है लहराके पवन, के सांस सभी की चलती रहे 
लोगो ने त्याग दिए जीवन के प्रीत दिलों में पलती रहे
दिल वोह दिल है तो औरों को, अपनी धड़कन देता है 
जीना उसका जीना है, जो औरों को जीवन देता है 
मधुबन  खुशबू देता है .......

गीत : अमित खन्ना 
संगीत : उषा खन्ना 
गायक : येसुदास, अनुराधा पौडवाल 

Thursday, May 23, 2013

किस लिए मैंने प्यार किया


किस लिए मैंने प्यार किया 
दिल को यूँही बेक़रार किया 
शाम सवेरे तेरी राह देखी 
रात दिन इंतज़ार किया 

आँखों में मैंने काजल डाला 
माथे पे बिंदिया लगाईं 
ऐसे में तू आ जाए तो 
क्या तो, राम दुहाई 
चुप के मुंह में अरमानों ने 
ली कैसी अंगड़ाई 
कोई देखे तो क्या समझे 
हो जाए रुसवाई 
मैंने क्यूँ सिंगार किया 
दिल को यूँ बेक़रार किया 
शाम सवेरे तेरी राह देखी 
रात दिन इंतज़ार किया 
ओ किस लिए मैंने प्यार किया


आज वो दिन है जिसके लिए मैं 
तड़पी बनके राधा 
आज मेरे मन की बैचेनी 
बढ़ गई और ज्यादा 
प्यार में धोखा न खा जाए 
ये मन सीधा साधा 
ऐसा न हो झूठा निकले 
आज मिलन का वादा 
मैंने क्यों बेक़रार किया 
शाम सवेरे तेरी राह देखी 
रात दिन इंतज़ार किया 
किस लिए मैंने प्यार किया

गीत : आनंद बक्षी 
स्वर : लता मंगेशकर 
संगीत : राहुल देव बर्मन 
चित्रपट : दी ट्रेन 

Wednesday, May 22, 2013

पास बैठो तबियत बहल जायेगी

पास बैठो तबियत बहल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी  

धार  काजल की तुम और तीखी करो 
मांग होठो की मीठी हँसी से भरो 
ज़िन्दगी झुमने पर मचल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी

हमने माना के छायी है काली घटा 
गोरे गलोंसे गेसू हटा दो जरा 
इस अँधेरे में एक शम्मा जल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी


ग़म ने छेड़ा हमें तुम ना छेड़ा करो 
जो तुम्हारे है उनसे न पर्दा करो 
मुस्कुरा तो तमन्ना निकल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी

कवी : इन्दीवर 
संगीत : सी . अर्जुन 
गायक : महम्मद रफ़ी 
फिल्म : पुनर्मिलन 

आशाएं खिले दिल की

कुछ पाने की हो आस आस
कुछ अरमान हो जो ख़ास ख़ास
आशाएं ...
हर कोशिश में हो वार वार
करे दरियाओं को आर पार
आशाएं ...

तूफानों को चीर के
मंजिलों को छीन ले
आशाएं खिले दिल की
उम्मीदें हसें दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी

उड़ जाएं लेके ख़ुशी
अपने संग तुझको वहां
जन्नत से मुलाकात हो
पूरी हो तेरी हर दुआ
आशाएं खिले..

गुजरे ऐसी हर रात रात
हो ख्वाहिशों से बात बात
आशाएं ...
लेकर सूरज से आग आग
गाये जा अपना राग राग
आशाएं ...
कुछ ऐसा करके दिखा
खुद खुश हो जाए खुदा
आशाएं खिले..


बोल :  इरफान सिद्दीकी
संगीत : सुखविंदर सिंह, सलीम-सुलेमान
गायक : के.के 
फिल्म : इकबाल (2005)

दिल क्यूं ये मेरा शोर करे

दिल क्यूं ये मेरा शोर करे 
इधर नहीं, उधर नहीं 
तेरी ओर चले 
दिल क्यूं ये मेरा शोर करे 
इधर नहीं, उधर नहीं 
तेरी ओर चले 

जरा देर में ये क्या हो गया 
 नजर मिलते ही कहां खो गया 
भीड में लोगो की वो है वहां 
और प्यार की मेले मैं अकेला 
कितना हूं मैं यहां 
दिल क्यूं ये मेरा शोर करे
इधर नहीं, उधर नहीं 
तेरी ओर चले 

शुरु हो गई कहानी मेरी 
मेरे दिल ने बात ना मानी मेरी
हद से भी आगे ये गुजर ही गया 
खुद भी परेशान हुआ 
और मुझको भी ये कर गया 
दिल क्यूं ये मेरा शोर करे 
इधर नहीं, उधर नहीं 
तेरी ओर चले

बोल : नासिर फ़राज़ 
संगीत : राजेश रोशन 
गायक : के के