यहि वह जगह है
यहि वह फ़िज़ायें
यहिं पर कभी आप हमसे मिले थे
इन्हे हम भला किस तरह भूल जाये
यहि पर कभि आप हमसे मिले थे
यहि पर मेरा हाथ में हाथ लेकर
कभि ना बिछडने का वाद किया था
सदा के लिये हो गये हम तुम्हारे
गले से लगाकर हमें येह कहा था
कभि कम ना होंगि हमरि वफ़ायें
यहि पर कभि आप हम्से मिले थे
यहि पर वफ़ा क नय रंग भर के
बनाई थी चाहत कि तसवीर तुमने
यहि के बहारों से
फ़ूलों को चुन कर
सवारी थी उल्फ़त कि तकदीर तुमने
वोह दिन आपको याद कैसे दिलाये
यहि पर कभि आप हुमसे मिले थे
यहि वह जगाह है........
चित्रपट : यह रात फिर ना आयेगी
संगीत : ओन्कार प्रसाद नय्यर (OP) with great interludes on saxophone by the maestro Manohari Singh
Saturday, July 5, 2008
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