तुम बिन जाऊं कहां, तुम बिन जाऊं कहां
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाहके तुम बिन
रह भी सको गे कैसे, हो के मुझसे जुदा
फट जाये गी दीवारें सुन के मेरी सदा
आना होगा तुम्हे मेरे लिये
साथी मेरी सुनी राह के
तुम बिन जाऊं कहां..
कितनी अकेली सी पेहले थी यहि दुनिया
तुमने नज़र जो मिलायी बस गयी दुनिया
दिल को मिलि जो तुम्हारी लगन
दिये जल गये मेरी आह से
तुम बिन जाऊं कहां..
फ़िल्म : प्यार का मौसम
गायक : किशोर कुमार
Sunday, July 20, 2008
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