तुमसे बिछडके चैन कहां हम पाएंगे
होगे जहान तुम हुम भि वहीं आ जायेन्गे
पूछो क्यूं, हां हां हां हां
पूछो क्यूं
हम यह कहेंगे
के तुम हो हमारी मन्ज़िल - २
तुमसे बिछड्के चैन कहां हम पाएंगे
दिल हमें लाया यहन हम आ गये - २
देखकर तुम हमको क्यूं घबरा गये
राज़ तुम हम्राज़ दा साथ जैसे जिस्म-ओ-जान
छुपके जाओगे कहां
नज़रें चुराओगे और नज़र हम आयेन्गे
हम आयेन्गे, हम आयेन्गे
तुमसे बिछडके चैन कहां हम पाएंगे
कितना दिलकश है ये रूहों का सफ़र
पाव कान्टों पर है फूलों पर नज़र
दर है क्या दीवार क्या, जीत क्या है हार क्या
रुक सकेगा प्यार क्या
फूल तो क्या है, कांटों को हम महेकायेंगे
महेकायेंगे, महेकायेंगे
तुमसे बिछडके चैन कहां हम पायेंगे
नाम होन्ठों पर तुम्हारा दिल में प्यार - २
बस यहि सज धज यहिं अपना सिंगार
ज़िन्दगि तुमसे हसीन तुम कहिं और हम कहिं
दिल खिलौना तो नहीं
तुम हि बता दो कैसे इसे बेहलाएंगे
बेहलाएंगे, बेहलाएंगे
तुमसे बिछडके चैन कहां हम पाएंगे
होगे जहां तुम हम भी वहिं आ जाएंगे
पूछो क्यूं, हां हां हां हां
पूछो क्यूं हम ये कहेन्गे
के तुम हो हमारी मन्ज़िल
तुम्से बिछडके चैन कहां हम पायेन्गे
चित्रपट : महाराजा
संगीत : मदन मोहन
गायिका : लता मंगेशकर
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3 comments:
bhut sundar. jari rhe.
बढिया प्रयास है आपका, धन्यवाद । इस नये हिन्दी ब्लाग का स्वागत है ।
शुरूआती दिनों में वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें इससे टिप्पयणियों की संख्या प्रभावित होती है
(लागईन - डेशबोर्ड - लेआउट - सेटिंग - कमेंट - Show word verification for comments? No)
आरंभ ‘अंतरजाल में छत्तीमसगढ का स्पंदन’
thanks jasvir & sanjeeva
encouragement from unknown friends like you has boosted by morale like anything.
Please let me know your favourite songs and i will host them for you.
abhay.gadiyar@gmail.com
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