हम प्यार में जलनेवालों को
चैन कहां, हाए, आराम कहां
हम प्यार में जलनेवालों को .....
प्रीत कि अंधियारी मन्ज़िल में, चारों ओर सियाहि
आधी राह में हि रुक जाये, इस मन्ज़िल का राहि
कान्टों पर चलनेवालों को, चैन कहां, हाए, आराम कहां
हम प्यार में जलनेवालों को .......
बहलाये जब दिल न बहले, तो ऐसे बहलायें
गम हि तो है प्यार कि दौलत, ये कहकर समझायें
अपना मन छलनेवालों को, चैन कहां, हाय, आराम कहां
हम प्यार में जलनेवालों को .....
चित्रपट : जेलर
गायिका: लता मंगेशकर
संगीत : मदन मोहन
शयर : राजेन्द्र क्रिश्न
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

2 comments:
bhut badhiya. likhate rhe.
thanks rashmi.
aapka pasandida geet bhi bataiye.
upload kar denge.
abhay
Post a Comment