Wednesday, May 22, 2013

पास बैठो तबियत बहल जायेगी

पास बैठो तबियत बहल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी  

धार  काजल की तुम और तीखी करो 
मांग होठो की मीठी हँसी से भरो 
ज़िन्दगी झुमने पर मचल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी

हमने माना के छायी है काली घटा 
गोरे गलोंसे गेसू हटा दो जरा 
इस अँधेरे में एक शम्मा जल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी


ग़म ने छेड़ा हमें तुम ना छेड़ा करो 
जो तुम्हारे है उनसे न पर्दा करो 
मुस्कुरा तो तमन्ना निकल जायेगी 
मौत भी आ गयी है तो टल जायेगी

कवी : इन्दीवर 
संगीत : सी . अर्जुन 
गायक : महम्मद रफ़ी 
फिल्म : पुनर्मिलन 

No comments: