Friday, May 10, 2013

नैनो में दर्पण है दर्पण में कोई


नैनो में दर्पण है दर्पण में कोई 
देखू जिसे सुबह शाम 
बोलो जी बोलो ये राज खोलो 
हम भी सुने दिल को थाम 
या तो है धरती या है गगन 
या तो है सूरज या है पवन 
उंहू ....उसका तो साजन है नाम 
नैनो में .....

मस्ती में गाये दिल को लुभाए 
कानो मी मिसरी सी घोले 
बोलो जी बोलो ये राज खोलो 
मेरा भी मन आज डोले 
या तो कोयल है या है रागिनी 
या तो पायल है या है बांसुरी
न उसका तो सजनी है नाम 
नैनो में .....

बहकी बहकी चाल है उसकी झूमे वो आवारा 
बोलो जी बोलो ये राज खोलो किसकी तरफ है इशारा 
या तो जोगी है या है पागल 
या तो बादल है या आँचल
उंहू .....उसका तो प्रियतम है नाम 
नैनो में .....

गीत : माया गोविन्द 
संगीत : डॉ भूपेन हजारिका 
गायन : लता मंगेशकर, किशोर कुमार 
फिल्म : आरोप 

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