कुछ पाने की हो आस आस
कुछ अरमान हो जो ख़ास ख़ास
आशाएं ...
हर कोशिश में हो वार वार
करे दरियाओं को आर पार
आशाएं ...
तूफानों को चीर के
मंजिलों को छीन ले
आशाएं खिले दिल की
उम्मीदें हसें दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
उड़ जाएं लेके ख़ुशी
अपने संग तुझको वहां
जन्नत से मुलाकात हो
पूरी हो तेरी हर दुआ
आशाएं खिले..
गुजरे ऐसी हर रात रात
हो ख्वाहिशों से बात बात
आशाएं ...
लेकर सूरज से आग आग
गाये जा अपना राग राग
आशाएं ...
कुछ ऐसा करके दिखा
खुद खुश हो जाए खुदा
आशाएं खिले..
बोल : इरफान सिद्दीकी
कुछ अरमान हो जो ख़ास ख़ास
आशाएं ...
हर कोशिश में हो वार वार
करे दरियाओं को आर पार
आशाएं ...
तूफानों को चीर के
मंजिलों को छीन ले
आशाएं खिले दिल की
उम्मीदें हसें दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
उड़ जाएं लेके ख़ुशी
अपने संग तुझको वहां
जन्नत से मुलाकात हो
पूरी हो तेरी हर दुआ
आशाएं खिले..
गुजरे ऐसी हर रात रात
हो ख्वाहिशों से बात बात
आशाएं ...
लेकर सूरज से आग आग
गाये जा अपना राग राग
आशाएं ...
कुछ ऐसा करके दिखा
खुद खुश हो जाए खुदा
आशाएं खिले..
बोल : इरफान सिद्दीकी
संगीत : सुखविंदर सिंह, सलीम-सुलेमान
गायक : के.के
फिल्म : इकबाल (2005)

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