Thursday, May 30, 2013

आजा रे मेरे प्यार के राही

आजा रे मेरे प्यार के राही 
राह निहारूं बड़ी   देर से 
आ जा रे .....

जो चाँद बुलाये, मैं तो नहीं बोलूं 
जो सूरज आये, आँख नहीं खोलूं 
मूँद के नैन मैं तिहारी 
राह निहारूं बड़ी देर से 

कहाँ है बसा दे तन की खुशबू से 
घटा से मैं खेलूं ज़ुल्फ़ तेरी छूके 
रूप का तेरे मैं पुजारी 
राह निहारूं बड़ी देर से 
कहीं भी रहूँगी मैं हूँ तेरी छाया 
तुझे मैंने पाके फिर भी नहीं पाया 
देख मैं तेरी प्रीत की मारी 
राह निहारूं बड़ी देर से 

शायर : मजरूह सुल्तानपुरी 
संगीत : चित्रगुप्त 
गायक : महेंद्र कपूर / लता मंगेशकर 
चित्रपट : ऊँचे लोग (1965)

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