तुम्हारे बिन गुजारे है कई दिन
अब न गुजरेंगे
जो दिल में आ गई है आज
हम वो कर ही गुजरेंगे
खबर क्या थी के अपने भी
सितारे ऐसे बिगड़ेंगे
के जो पूजा के काबिल है
वही यूँ रंग बदलेंगे
तुम्हारी एक न मानेंगे
करेंगे आज मनमानी
बहुत तरसाया है तुमने
नहीं अब और तरसेंगे
सताया तो नहीं करते
कभी किस्मत के मारों को
कीसी की जान जाएगी
किसी के अरमान निकलेंगे
मनाया तुम को कितनी बार
लेकिन तुम नहीं माने
तो अब मजबूर होकर हम
शरारत पर भी उतरेंगे
हकीकत क्या है ये पहले बता देते तो अच्छा था
खुद अपने जाल से भी हम न जाने कैसे निकलेंगे
कई दिन बाद फिर
यह साज यह सिंगार पाया है
आप यूं इनकार कर देंगे
तुम्हे कैसे बताएं
क्या हमारे साथ गुजरी है
तुम्हारे ख्वाब टूटेंगे
अगर सच बात कह देंगे
गीत : विघ्वेश्वर शर्मा
संगीत : शंकर (जय किशन)
गायक : लता और रफ़ी
फिल्म : आत्माराम
Wednesday, June 26, 2013
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