अगर मुझसे मोहब्बत हैं
मुझे सब अपने गम दे दो
इन आन्खों का हर एक आंसू
मुझे मेरी कसम दे दो
तुम्हारे गम को अपना गम बना लो
तो करार आये
तुम्हारा दर्द सीने में छूपा लो
तो करार आये
वोह हर शय जो
तुम्हे दुख दे
मुझे मेरे सनम दे दो
शरीक-ए-ज़िन्दगी को क्यों
शरीक-ए-गम नहीं करते
दुखों को बांटकर क्यों
इन दुखों को कम नहीं करते
तडप इस दिल की थोडी सी
मुझे मेरे सनम दे दो
इन आखों में ना अब मुझ को कभी आसू नजर आये
सदा हसती रहे आंखे
सदा ये होंठ मुसकाये
मुझे अपनी सभी आहे
सभी दर्द-ओ-अलम दे दो
फ़िल्म : आप की परछायीयां
कलाकार :
राजा मेहंदि अलि खान (बोल)
मदन मोहन (तर्ज)
लता मंगेशकर (आवाज़)
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