Saturday, August 30, 2014
सुनो सजना, पपीहे ने
सुनो सजना, पपीहे ने कहा सब से पुकार के
संभाल जाओ चमनवालो, के आये दिन बहार के
फूलों की डालियाँ भी यही गीत गा रही हैं
घड़ीयां पिया मिलन की नज़दीक आ रही हैं
हवाओं ने जो छेड़े हैं, फसाने हैं वो प्यार के
देखो ना ऐसे देखो, मर्ज़ी हैं क्या तुम्हारी
बेचैन कर ना देना, तुम को कसम हमारी
हम ही दुश्मन ना बन जाये, कही अपने करार के
बागों में पड़ गये हैं, सावन के मस्त झूले
ऐसा समा जो देखा, राही भी राह भूले
के जी चाहा यही रख दे, उमर सारी गुजर के
गीतकार : आनंद बक्षी
गायक : लता मंगेशकर
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
चित्रपट : आये दिन बहार के - 1966
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