Saturday, August 30, 2014

सिमटी सी, शरमाई सी

सिमटी सी, शरमाई सी, किस दुनियाँ से तुम आई हो
कैसे जहाँ में समायेगा, इतना हुस्न जो लाई हो

हीरा नजर, चांदी बदन, रेशम हसीं, मुखड़ा चमन
कंगाल हैं सारे हसीन, बस एक तुम ही रखती हो धन
लूटने का डर हैं घबरायी हो

जब तक तुम्हे देखा नही, ये दिल कभी धड़का नही
आये गये कितने सनम, मैने मगर पूजा नही
तुम दिल की पहली अंगड़ाई हो

आँखे मिली, वादा हुआ, कुछ कह दिया, कुछ सुन लिया
ठहरे कहा बेताब दिल, कैसे मिले अपना पता
ज़ुल्फों की बदली, जब छाई हो


गीतकार : कैफी आझमी
गायक : किशोर कुमार
संगीतकार : मदन मोहन
चित्रपट : परवाना

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